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शीर्षक :- रोटियाँ तेरे डिब्बे की वों दों रोटियाँ

शीर्षक :- रोटियाँ 
तेरे डिब्बे की वों दों रोटियाँ कही बिकती नहीं, 
माँ महंगे होटलो में आज भी भूख मिटती नहीं । 
दूर है हम बेसक तुमसे नौकरी की मजबूरीयों से ,
पर माँ तेरे हाथो से बनी रोटियों की खुशबू,
यहाँ कही मिलती नहीं । क्यूंकी 
हालत बुरे रहते थे मगर माँ रखती थी हमे अमीर बना कर ,
हम गरीब थे बस ये हमारी माँ जानती थी । 
तेरे हाथों से बनी रोटियाँ और तेरा प्यार,
अब भी मुझे बहोत याद आता है ,
बेसक तू अब नहीं मेरे साथ ,
पर तेरा प्यार अब भी पाना चाहता हूँ ,
तेरे हाथों से बनी वों रोटियाँ अब भी खाना चाहता हूँ । 
रवि श्रीवास्तव

©dil beats माँ तेरी याद अब भी बहोत आती हैं ............. 😔😔😔

#Moon #maa #Rotiya #all 
#march #maakapyar #tuday 
Aafiya Jamal shifa praveen  
SHAYADWRITER  sk manjur 
SOHRAB KHAN Muntashir Soul
शीर्षक :- रोटियाँ 
तेरे डिब्बे की वों दों रोटियाँ कही बिकती नहीं, 
माँ महंगे होटलो में आज भी भूख मिटती नहीं । 
दूर है हम बेसक तुमसे नौकरी की मजबूरीयों से ,
पर माँ तेरे हाथो से बनी रोटियों की खुशबू,
यहाँ कही मिलती नहीं । क्यूंकी 
हालत बुरे रहते थे मगर माँ रखती थी हमे अमीर बना कर ,
हम गरीब थे बस ये हमारी माँ जानती थी । 
तेरे हाथों से बनी रोटियाँ और तेरा प्यार,
अब भी मुझे बहोत याद आता है ,
बेसक तू अब नहीं मेरे साथ ,
पर तेरा प्यार अब भी पाना चाहता हूँ ,
तेरे हाथों से बनी वों रोटियाँ अब भी खाना चाहता हूँ । 
रवि श्रीवास्तव

©dil beats माँ तेरी याद अब भी बहोत आती हैं ............. 😔😔😔

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Aafiya Jamal shifa praveen  
SHAYADWRITER  sk manjur 
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