इज़हार तेरे इज़हार-ए-इश्क ने कुछ यूँ गुलजार कर दिया... धीरे-धीरे अपनी जान को मैंने तेरे नाम कर दिया...! तेरे इश्क़ को ही बंदगी बना लिया अब मैंने,, तुझको मेरे दिल ने मेरा दिलदार कर दिया..! हार गयी मैं अपने दिल के ही हाथों अब,, आज अपनी चाहत का तुमसे इकरार कर दिया...! कब तक बचती नज़रों के वार से सनम, कब तक बताती तुम्हें कि ये है तुम्हारा वहम,... थक गयी झूठ बोलते-बोलते मैं भी तुमसे अब... इसलिए आज कह दिया बन गये हो तुम मेरे हमदम.. ©rishika khushi #dilkibaat #इज़हार_ए_मोहब्बत #इज़हार