यूं तन्हा राहों पर अकेले चलते चलते थक सी गई हूं। थोड़ा विश्राम कर लूं क्या ? यूं मंजिल के पीछे भागते भागते ऊब गई हूं । सबकुछ यूं ही छोड़ दूं क्या ?? नही ।। की कैसे छोड़ जाऊं मैं यूं ही इस तरह सबकुछ मेरे वजूद को ये मंजूर कहां। ©Listener's hut #तन्हा #desperation #उदासी #Memories