समझा के तुमको रह गया तुम ये करो तुम यूँ करो फरियाद न सुनी गई तो छुप रहा हूं आज मैं झूठ और घमंड ने झुकाया सिर है बार बार एक बार अपने लिए भी झुक रहा हूँ आज मैं कोई मर रहा कोई रो रहा, है कोई भूखा सो रहा न कोई कुछ है कह रहा हर सख्श क्यूँ है सह रहा कोई जिये घमंड में मन रखे काले रंग में कोई कहे वही सही विष है नहीं भुजंग में जो तुम करो वो सब सही जो हम कहें तो धूर्त हैं जो तुम कहो वो ज्ञान है जो हम करें तो मूर्ख हैं तुम आना चाहो आ गए मन की व्यथा सुना गए हमने सुना दिल से सुना जो जख़्म था भुला गए भुला दिया तो क्या हुआ पर तुम नही बदल सके ज़िंदगी की बात थी तुम दो कदम न चल सके हाँ सोचा हमने हो मेरे समझाते रहे रो पड़े भूल फ़िर से हो गई जज़्बात फिर से धो पड़े इंसान हो अगर कहीं इंसानियत भी साथ हो सरल रहे मधुर रहे कड़वे भले हालात हो कुछ नही सबकुछ नही था मन हमारा साफ पर सबकुछ हमारा जल गया बैठे रहे हम राख पर जो कर सके करते रहे तुम जी सको मरते रहे तुमने कभी सोचा नही अभिमान ही भरते रहे दौलत नही सोहरत नही नही मकान गाडियाँ एक दिल है पाक साफ सा हैं ढेर जिम्मेदारियां जाओ जियो बिना मेरे अब वो करो जो दिल करे मैं दरिया था सिमट गया जो भी बचा साहिल करे! भूल फिर से सारे अपने दुख रहा हूं आज मैं फरियाद न सुनी गई तो छुप रहा हूं आज मैं..!! #NojotoQuote #NitinNirmohiquotes #PoetryNitinNirmohi समझा के तुमको रह गया तुम ये करो तुम यूँ करो फरियाद न सुनी गई तो छुप रहा हूं आज मैं झूठ और घमंड ने झुकाया सिर है बार बार