Nojoto: Largest Storytelling Platform

#चेहरा हर चेहरे के पीछे एक चेहरा है जाने क्यों राज

#चेहरा
हर चेहरे के पीछे एक चेहरा है
जाने क्यों राज इतना गहरा है
कहां गए अब रिश्तों की मिठास
सब के अन्दर बैठीं दुबक कर है खटास
खेल रहे हैं खेल सभी अपनों के हीं साथ
पीठ पीछे पड़े हैं ये लेकर खंजर  हाथ
शहर गांव हर जगह पैसे की है भागमभाग 
जाने क्यों दिल में सबके है नफ़रत की आग 
इक दूजे को हम यही समझाते हैं
हैं सभी अपने मगर, क्यों अपने नजर ना आते हैं
टूट रही रिश्तों की डोरी, मिलना अब महज़ मजबूरी
कौन किसे समझाएगा,जो है यहीं रह जाएगा
ये महल ये चौबारे जिसके लिए फिरे मारे मारे
इक दिन छोड़ यहीं सब जाना है
फिर क्यों फिरते बनकर अपनों से सभी बेगाना है
चार दिन ज़िन्दगी हंस खेल कर बिता लें
छोड़ कर तेरी मेरी के झगड़े अपनों को गले लगा लें
कल ना हम होंगे बस हमारी कहानी होगी
किसी किताब में लिखी बातें पुरानी होंगी

©Savita Suman
  #चेहरा