आदमी क्यों अकेला है सब पैसों का खेल निराला है भीड़ या मेले में रहता तन्हा है ना कोई अपना ना कोई पराया रिश्ता है बस एक दिखावा। भीड़ है हर तरफ़ ही मेला है... आदमी फिर क्यों अकेला है? #आदमीअकेलाहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi