ये सर्द सुनहरी सुबह है, और ये सर्द सुनहरी सुबह है, और तू बनकर आया ठंडी हवाओं का झोंका छू गुज़रा तू रूह को ऐसे, जैसे जगा मुझमें एहसास अनोखा। थोड़ी नाराज़गी दिखा रही मुझपे मेरी रूह अश्कों को जरिया बनाकर, जब छू गुज़री हवाएं, तो मैंने उसे पूरी उम्र के लिए क्यों नहीं रोका।। #Sunhari_Subh #nojotopoem #lovequotes #mere_alfaaz