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आज का दोहा खुद को ही क्यों मानते,सबसे तुम चालाक।

आज का दोहा


खुद को ही क्यों मानते,सबसे तुम चालाक।

घूमोगे  जब  तुम  जहाँ,हो  जाओगे  ख़ाक।।२२४।।
 #दोहा #चालाक #विश्वासी
आज का दोहा


खुद को ही क्यों मानते,सबसे तुम चालाक।

घूमोगे  जब  तुम  जहाँ,हो  जाओगे  ख़ाक।।२२४।।
 #दोहा #चालाक #विश्वासी