#OpenPoetry खत/SMS हम सोच रहे हैं कि, आज रात बिना सोए गुजार दें। देखते हैं कितनी नफरत है; आपके दिल में हमारी इक खता के बदले। फिर सोचा चलो जाने दो। अपने तो अपने होते हैं। आज ना सही, कल तो समझ जाएंगे। हमारे जज्बात, अब ना पढें तो क्या हुआ। सुबह तो बिना पढ़े रह नहीं पाएंगे। शायद.....। इतनी तो कदर होगी हमारी। हमारे भावना भरे कुछ बातों की, जज्बातों की। अब ना सही, पर कभी तो जवाब देंगे। शायद.....। हम सोच रहे हैं, सिर्फ उन्हें। शुभ रात्रि। Gn.Sd.Tc. #openpoetry #nojotohindi #love #my creativity अक्सर ऐसा होता है। हमारा किसी अपने से झगड़ा हो जाता है। जब हम उन्हें sms मिस कॉल करते हैं तो हम वह में रिप्लाई नहीं करते। बस उसी सोच को ध्यान में रखते हुए यह कविता बनायी हैं।