वो मुलाकातों का मंजंर,ओर वो शामें दीवानी, बनी फिरती थी वो जोगन एक मस्तानी खोकर उसके प्यार में सुध बुझ न अपनी जानी इस इश्क में भी न जाने कितनी हुई मौतें ओर कितनी बनकर रह गई सिर्फ कहानी, दिल लगाकर दर्द ले लिए थे उसने वफा निभाकर इल्ज़ाम सह लिए थे उसने पर कदर उसके एहसासों की उसके जोगी ने न जानी भावN@ #nojoto#nojotohindi#shayari#sad#hindinama#kavishala#kavinama#love#sad#thought#quote