बे-सुरों की रामलीला -------------------------- किरदारों की खाल ओढ़कर खरदूषण संवाद करें। रामायण की टाल ठोक ये भाणायन का नाद करें। पढ़े-लिखे उल्लू के पट्ठे ये चमन चूकिए टॉप्पर हैं! रट्टा ठट्ठा भट्टा सीखे हैं और टोप्पे जैसे बात करें। फ़र्क नहीं पड़ता रत्तीभर टिटपुँजिया नक्कारों से! राम नाम लिया नहीं जाता इन जैसे मक्कारों से । राम राम है राम राम ही राम राम जग जाहिर है! खल कामी छल ग्राही के यह भावों से बाहिर है। समझे हैं इक बात पुरानी तुमको नहीं बतऊँगा! नैतिकता के पैमाने पर ना क़द को ढलकाऊँगा। बात बात पर बात बने बनती बात बिगड़ जाए! चलो सलीका कोई फ़िरसे अच्छा सा इज़ाद करें। बे-सुरों की रामलीला -------------------------- किरदारों की खाल ओढ़कर खरदूषण संवाद करें। रामायण की टाल ठोक ये भाणायन का नाद करें। पढ़े-लिखे उल्लू के पट्ठे ये चमन चूकिए टॉप्पर हैं! रट्टा ठट्ठा भट्टा सीखे हैं और टोप्पे जैसे बात करें।