।।चित ,मन एकाग्र नहीं।। मन कहता है , चल उठ सफलता के राहों पर दौड़ लगा । सूरज की किरनों को अब तू जगा। चाँद की चाँदनीयों को थपकी लगा । सफलता के सुत्रों को अपना मंत्र बना । अवांछित सूत्रों पर तू अब गाठ लगा ।। पर ये कम्बख्त चित,मन की सुनता नहीं। खूद पर जोर कसता नहीं। मिथ्य परिकल्पनाओं को मात देता नहीं। मूर समूहों से दूरी तय करता नहीं। मिथ्य लुभावनओं को मिथ्य समझता नहीं। स्वंयं पर पर नियंत्रन कसता नहीं। चित मन को सहयोग करता नहीं। मन चित पर कठोर सिकंजा कसता नहीं।। #motivational_quote #kavita_quote #man_ki_aawaj #self_meditation #chit_man_ekakakgra_nahi #yourquotedidi #yourquotebaba