मेरे दिल की हर दुआओं में है वो.. मेरे सच्चे प्रेम की वफाओं में है वो.. मेरे जज्बातों और एहसासों में है वो.. मेरी धड़कनों, और मेरी साँसों में है वो.. मैं जिस्म हूँ माटी की मेरी जान में है वो.. मेरी सहराओं में और सदाओं में है वो.. इश्क़ मेरा हो मुक्कमल ऐसी फ़रियाद है, ऐ ख़ुदा बस मेरे हिस्से लिख दे उसे- तुझसे मेरी यही पहली और आख़िरी अरदास है! 👉🏻 प्रतियोगिता- 319 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"दुआओं में है वो"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I