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खुद को समझते जाने क्या-क्या ऐंठते रहते हैं हम दिन

खुद को समझते जाने क्या-क्या 
ऐंठते रहते हैं हम दिन और रात
जिंदगी की बिसात पर महज़ प्यादे हम
आए दिन होती है शय और मात

©Reema K Arora #Chess #Jindagi #shayri #copyright
खुद को समझते जाने क्या-क्या 
ऐंठते रहते हैं हम दिन और रात
जिंदगी की बिसात पर महज़ प्यादे हम
आए दिन होती है शय और मात

©Reema K Arora #Chess #Jindagi #shayri #copyright