।।प्रीत मेरी।। पर्दे के पीछे से, ऐसे न देखो तुम बांहों में भर लूंगा, तुम्हारे बदन के हर ओस को अपने होंठों से चूम लूंगा... ©Isha Rozy Moses _प्रीत मेरी_ दिल में लिखूं या धड़कन में सर्द मौसम की अंगड़ाईयों में... ख्वाईश बनकर प्रीत मेरी उड़ जाता है तू कहीं कभी बाड़े में दिल के उसके तैरता रहता तू कहीं,