माधव की शरण में सर रख दिया है अब रोना क्यों क्योंकि जब राह में निकले थे अकेले तब मंजिल से डरना क्यों जब चले तो कोई साथ नहीं फिर सफर में साथी क्यों और लोग तो राह में बस अपनी मंजील के आने तक ही साथी बने हुवे रहते है फिर ये बेचैनी क्यों और जब रख दिया सिर माधव की शरण में फिर किसी भी बात पर रोना क्यों ©Jaydeep Goswami #Krishna #JDHEART