रात की महफ़िल में ख़्वाबों का बज रहा साज़ है यादों की अंजुमन में आ रहा फिर कोई आज है। आशाओं के दीप आज, मेरी मुँडेरों के ताज हैं, कितने उठाऊँ ओर नाज़, कहा मेरे मन ने आज है। मेरे मन ने आज... #मेरामन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi