जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या ना था ढूँढने निकले थे जिसको बस वो चेहरा ना था हम भी वही तुम भी वही मौसम भी वही मंजर भी वही फासले बढ़ गए इतना मैंने कभी सोचा ना था अपने ही शहर में मिले एक दूजे से जैसे मिले हो पहली बार किसी अजनबी से।। ♥️ Challenge-727 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।