तेरी पलकों की छावं में ही गुजरें मेरी रातें .......... तुझसे ही सुरु हो तुझपे ही ख़त्म हो मेरी बातें .............. हर दर्द मैं सह लूँ हर गम को मैं जी लू ......... तु साथ दे अगर मैं ज़माने को छोड़ कर तेरा हो लूँ ............ तुझ बिन करार न आये तुझ बिन जिया ना जाए ........ तुझ बिन न कोई अपना सांस इक भी तुझ बिन लिया ना जाए ........ कर मुझ पे तु ये रहमत बना जा तु मेरी ज़न्नत ......... अपनी माँ की बहु बनाऊ ज़माने से लड़ कर तुझे अपने घर ले आऊँ ........ मैं थोडा सा हूँ पागल पर ये भी है तेरी मेहरबानी तुझ पे शुरू हो और तुझ पे ख़त्म हो मेरी कहानी ............... तु छोड़ कर जो जाएगा मैं इक पल भी ना जी पाऊंगा .......... मगर घर वालों की फिकर से मैं मर भी ना पाऊंगा ................ तड़पूनगा सारी उम्र मैं तु छोड के ना जाना .......... हर मुश्किल में जाने जाना साथ मेरा निभाना ... ©SUSHIL PANDIT #promiseday