क्या करूँ तुम्हें दिल में रखूं या किसी शायरी में संवार दूं, कुछ पल तो आ बैठ मेरे साथ तुझे अपने लफ़्ज़ों में उतार दूँ। #लवयूज़िन्दगी #लोगों_और_जज़्बातों_के_बीच_फँसी_जिंदगी