कोई कब तक सहे ये बंदिशे , ये नफ़रतें, ये उन्माद , कोई कब तक सहे! एक चिंगारी को हवा देकर बस्ती को जला देना, कोई कब तक सहे! किसी के प्रकर्ष पर होने से किसी को मसल देना, कोई कब तक सहे! वो है तो बताये, उसकी दुनिया में , उसके बन्दों को कोई कब तक सहे? हम सब इंसान ही तो हैं। #कबतकसहे #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #poetry #politics #life