मेरी आँखें मेरे हज़ारों ख़्वाब रखेंगी मेरी ज़ुबान मेरी हर आवाज़ रखेगी मैं कब,कहाँ व किस दौर से गुज़रा मेरी पंक्तियाँ इसका हिसाब रखेंगी #newthought