मेरी दुनिआ के सारे रंग मेरी माँ से जिन्दा है मुझे सब याद है अब भी मै जब छोटा सा बच्चा था किसी जिद पर जो अड़ जाता तो रोने बैठ जाता था मै जब रोते सिसकते माँ के सीने से चिपक जाता तो सब कुछ भूल जाता था मुझे वोह याद है अब तक कभी जो हाथ थामे