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सुनो चाँद... ज़र्रा-ज़र्रा होकर

सुनो चाँद...             ज़र्रा-ज़र्रा होकर 
                         खुद को मुझमें*
                         मिलाने लगे हो.
रफ्ता-रफ्ता                            
मुझे* इस कदर                         
चाहने लगे हो .. रात* का पैगाम,अपनी चाहत के नाम
##रफ्ता रफ्ता ##चाहत#nojotohindi shayri#@
सुनो चाँद...             ज़र्रा-ज़र्रा होकर 
                         खुद को मुझमें*
                         मिलाने लगे हो.
रफ्ता-रफ्ता                            
मुझे* इस कदर                         
चाहने लगे हो .. रात* का पैगाम,अपनी चाहत के नाम
##रफ्ता रफ्ता ##चाहत#nojotohindi shayri#@
vinita4656970805345

Vinita

New Creator

रात* का पैगाम,अपनी चाहत के नाम ##रफ्ता रफ्ता ##चाहत#nojotohindi shayri#@