वो लम्हा किसी और का हो गया है ©Raja Banjare किसी की बातों में जो मेरा जिक्र हुआ करता था, अब वो लम्हा किसी और का हो गया है, रात तकती रहती थी राहें जिसकी मेरे लिए, अब वो लम्हा किसी और का हो गया है, कभी जो बैठे बैठे हम घंटों बिताया करते थे,