कुछ सन्नाटा अब और गहरा है थोड़ा वक़्त का अभी और पहरा है हिदायतें मुश्किल है मग़र मुमकिन भी जो कोहरा है अभी थोड़ा गहरा है ZinDagi-e-SaGar www.zindagiesagar.com #sannata