तुम भूलकर अपने माजी को, लो सबक उससे हर बातों का । संघर्ष करो नित्य प्रतिदिन तुम , अपनी मंजिल को पाने के लिए । पाकर जीवन की अपनी हर मंजिल, खुद का जीवन देश पर वार दे हम । चलो माजी की धूल झाड़ दे हम । सुप्रभात। अक्सर हमारे मन का आईना माज़ी की धूल से अटा पड़ा होता है और हम उसे साफ़ करने की ज़हमत तक नहीं उठाते। *माज़ी - भूतकाल #धूलझाड़दे #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi