Nojoto: Largest Storytelling Platform

Alone मेरे अल्फ़ाज इस दिक्कत और उलझनों के दौर मे

Alone  मेरे अल्फ़ाज

इस दिक्कत और उलझनों के दौर में, उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूं मैं

जिंदगी अगर तू कोई चाल चले, तो आगे की दो चाल लिए बैठा हूं मैं

ए जिंदगी! तेरी हर आंख-मिचोली का मैं  हंसकर लुत्फ उठा रहा हूं
पर कामयाबी का हौसला कमाल लिए बैठा हूं मैं

मैं मानता हूं कुछ दिन मेरे मुताबिक नहीं हैं
पर अपनी मुट्ठी में एक सुनहरा साल लिए बैठा हूं मैं

ये दरिया, ये लहरें, ये तूफान सब तुझे मुबारक
मुझे क्या फिक्र इनकी कश्तियां और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूं मैं
                                                ✍️ अपूर्व वार्ष्णेय #Hope #apurv2512 #Poet #nojotoapp #Friendship #poemoftheday mere alfaz official
Alone  मेरे अल्फ़ाज

इस दिक्कत और उलझनों के दौर में, उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूं मैं

जिंदगी अगर तू कोई चाल चले, तो आगे की दो चाल लिए बैठा हूं मैं

ए जिंदगी! तेरी हर आंख-मिचोली का मैं  हंसकर लुत्फ उठा रहा हूं
पर कामयाबी का हौसला कमाल लिए बैठा हूं मैं

मैं मानता हूं कुछ दिन मेरे मुताबिक नहीं हैं
पर अपनी मुट्ठी में एक सुनहरा साल लिए बैठा हूं मैं

ये दरिया, ये लहरें, ये तूफान सब तुझे मुबारक
मुझे क्या फिक्र इनकी कश्तियां और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूं मैं
                                                ✍️ अपूर्व वार्ष्णेय #Hope #apurv2512 #Poet #nojotoapp #Friendship #poemoftheday mere alfaz official