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अब ज़िल्लत की जिंदगी जीने का शौक कौन करे, कतरा-कतर

अब ज़िल्लत की जिंदगी जीने का शौक कौन करे,
कतरा-कतरा समेटकर पीने का शौक कौन करे,
गुजार देंगे उम्र, किल्लत-ओ-मुफ़लिसी में,
दिखावे की अमीरी दिखाने का शौक कौन करे।

-रूद्र प्रताप सिंह

(Plz Refer To Caption For Meaning) ज़िल्लत*: बदनामी
किल्लत-ओ-मुफ़लिसी*: ग़रीबी
अब ज़िल्लत की जिंदगी जीने का शौक कौन करे,
कतरा-कतरा समेटकर पीने का शौक कौन करे,
गुजार देंगे उम्र, किल्लत-ओ-मुफ़लिसी में,
दिखावे की अमीरी दिखाने का शौक कौन करे।

-रूद्र प्रताप सिंह

(Plz Refer To Caption For Meaning) ज़िल्लत*: बदनामी
किल्लत-ओ-मुफ़लिसी*: ग़रीबी

ज़िल्लत*: बदनामी किल्लत-ओ-मुफ़लिसी*: ग़रीबी