★कुछ तो बात होगी★ ●●●●●●●●●●●●●●●●. दिन हुई तो रात भी होगी, धूप थी कभी तो अब बरसात भी होगी। बिछड़ जाते हैं अपनो से दुःख की उस घड़ी में हम । बिछुड़े थे कभी तो अब मुलाकात भी होगी। जरूर कुछ तो बात होगी। यूँ ही नही गिरा करते आँशु आसमान के, गरजते थे कभी तो अब बरसात भी होगी। यूँ ही नही गिरा रहे ये अपने आँशु, जरूर कुछ तो खाश बात होगी। वाक़ेई अब तो खूब बरसात होगी । खुशियों की सौगात होगी और बिछुड़े हुए की मुलाकात होगी । दिन हुई थी तो अब रात भी होगी, धूप थी कभी अब बरसात भी होगी। यह बहुत खाश होगी।। ●●●●● Enjoy rain..