यह कैसी उधेड़बुन है सबको लगी कैसी धुन है। क्यों रिश्ते रूपी अनाज को लगे दरार रूपी घुन हैं।। ✍️अवधेश कनौजिया© यह कैसी उधेड़बुन है सबको लगी कैसी धुन है। क्यों रिश्ते रूपी अनाज को लगे दरार रूपी घुन हैं।। ✍️अवधेश कनौजिया©