*बदतहज़ीबो ने बहुत दिल दुखाया,आज अपनों का ऐसा रंग भी मुझे नजर आया//१
* बुरी तमीज
बाद मुद्दत के लौटके आई जो शहर में,न साये ही*शीरीन थे,न था मेरे सर साया//२
* मीठे
किसको बता रहे हो रिश्तों की गहराई,जो शख्स तोड़के रिश्ते उधर से इधर आया//
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