तो इस तन्हाई में फिर से शमां जलाऊं मैं फिर से परवाना बन कर के अपने पँख जलाऊं मैं सूखे पतझड़ गरम तपन में एक बदली बरसाऊं मैं। मन के वीराने में फिर से प्रेम फसल उगाऊं मैं क्यों ऐसे गुम सुम बैठे हो बोलो या सो जाऊं मैं "तू अगर इजाज़त दे" तो थोड़ा सा मुस्काऊं मैं । तू अगर इजाज़त दे..... #इजाज़त #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi