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अब थोड़ा सा मतलबी हो रहा हूँ, मै खुद के जख्म खुद ह

अब थोड़ा सा मतलबी हो रहा हूँ, मै
खुद के जख्म खुद ही सी रहा हूँ,मै
अब जख्म दूसरों को दिखाने से क्या फायदा? 
जब जख्म भी अपना है! और 
जख्म को देने वाला भी अपना है।
गरल अमृत बहुत पिया, 
अब विष पी रहा हूँ , मै
अब थोड़ा सा मतलबी हो रहा हूँ, मै

अब थोड़ा सा मतलबी हो रहा हूँ, मै खुद के जख्म खुद ही सी रहा हूँ,मै अब जख्म दूसरों को दिखाने से क्या फायदा? जब जख्म भी अपना है! और जख्म को देने वाला भी अपना है। गरल अमृत बहुत पिया, अब विष पी रहा हूँ , मै अब थोड़ा सा मतलबी हो रहा हूँ, मै #Hindi #tum #hindipoetry #shyari #hindi_shayari #lovebeat #lockdown #matalabi_duniaa

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