आंँसुओं की भी इज्ज़त है इन्हें बेकार नहीं करते, बेवफा शिकायत करतें भी कि हम प्यार नहीं करते, दिल तस्कीन है देख कर के हसीन चेहरे की खुशी, हम टूटे दिल की मईयत पर आंसू बर्बाद नहीं करते। आंचल में सकूं ए जुस्तजू थी दीद ए बेख्याब नहीं करतें बेइंतहा चोट खा अब अपनी मायूसी बयां नहीं करते। ♥️ Challenge-612 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।