कुदरत का उसूल बेवजह कुछ भी नहीं होता है यहाँ, ये कुदरत का उसूल है। कुदरत बुरा नहीं करती किसी का, उसे दोष देना फिजूल है। मन मुताबिक हो सबकुछ हमारे, ये सोचना हमारी भूल है। समय की धारा में बहते रहो यारो, मंत्र जीवन का यही मूल है। मेरे नसीब का मुझे मिल ही रहा है, कुदरत का फैसला कबूल है।। कुदरत का फैसला। #Nature #Kudrat #कुदरत