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मजलूमों के संग धरा में हे ईश्वर अब दुर्व्यवहार ना

मजलूमों के संग धरा में हे ईश्वर अब दुर्व्यवहार ना हो।

अबलाओं के संग जहाँ में हे ईश्वर अब व्यभिचार ना हो।।

मासूमों-निर्दोषों संग जो यथोचित न्याय ना कर सके।

हे ईश्वर! इस समस्त सृष्टि में,उस बुजदिल की सरकार ना हो।।

शिक्षा,चिकित्सा और न्याय गर मुफ्त सभी को मिल जाये।

गरीब हो या फिर अमीर किसी को कष्ट अपार ना हो।।

गोत्र देख ना काम मिले,सभी की कला को परखा जाये।

दोषी को मृत्युदण्ड मिले,अब कोई निर्दोष सज़ावार ना हो।।

हे ईश्वर! इस समस्त सृष्टि में,अब अँधों की सरकार ना हो।।

©Viswa Sachan
  #alonesoul____😘❤️ homquotes j.m.baraya ji SS THAKUR Dheeraj Pawar ~Real Poetry~
मजलूमों के संग धरा में हे ईश्वर अब दुर्व्यवहार ना हो।

अबलाओं के संग जहाँ में हे ईश्वर अब व्यभिचार ना हो।।

मासूमों-निर्दोषों संग जो यथोचित न्याय ना कर सके।

हे ईश्वर! इस समस्त सृष्टि में,उस बुजदिल की सरकार ना हो।।

शिक्षा,चिकित्सा और न्याय गर मुफ्त सभी को मिल जाये।

गरीब हो या फिर अमीर किसी को कष्ट अपार ना हो।।

गोत्र देख ना काम मिले,सभी की कला को परखा जाये।

दोषी को मृत्युदण्ड मिले,अब कोई निर्दोष सज़ावार ना हो।।

हे ईश्वर! इस समस्त सृष्टि में,अब अँधों की सरकार ना हो।।

©Viswa Sachan
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viswasachan4202

Viswa Sachan

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