करूण रस **************** अभी मुस्कुराना सिखा था अभी छुड़ाकर चल दिए हाथ, बाबा तेरी गुड़िया ने अब अपने पैरों पर चलना सीख लिया, आज बरसों बाद, जाने कौन सी याद,लबों पर दिल की बात, क्यों देखकर यादों की परछाई जैसे करती हो दिल पर आघात, कौन देश बसे हो जाकर,किसे सुनाऊं दिल की असहाय पीड़ा लौट के वापस आ जा बाबुल, मैं फिर से करना चाहू क्रीड़ा, ज्यों पात हत लतिका कोने में पड़ी हो छिन्नाधार, तुमसे बिछोह क्या हुआ बाबा,फैला चारों तरफ अंधकार, माँ का मेरी हाल बुरा है, जाने क्यों भूली वो करना श्रृंगार, एक बार आ जाओ ,अँड़दार हम, जाने ना देंगे इस बार। #cinemagraph #करूण_रस #apki_lekhani #apk_lekhani