लौट आए फिर से बचपन वो मेरा, माँ का था साया सुरक्षा का घेरा, थामी थी उंगली था चलना सिखाया, वो मेरा साथी पिता ही था मेरा, देके वो दौलत ज्ञान जिसे कहते, हर क्षण मिटाया था मेरा अंधेरा, कोई तो कह दे बिन आपके क्या है, आप ही से होता है मेरा सवेरा, मेरी हो दौलत, हो दुनिया भी मेरी, आप ही में है मेरे दिल का बसेरा, लौट आए फिर से बचपन वो मेरा, माँ का था साया सुरक्षा का घेरा.. ©Kumar Mahendra # प्रिय माँ और पापा