मेरे काहींनी के केदार कुछ अलग है, ख्याबो के अयने पे हाक़िकत की दरार हैं! हर पन्ने को गोरं से पड कर पलट देना, समज मे आ जाए जो तो हाक़ से अपनी राय लिख देना! कही पे गलत हूॅ तो कही पे बहुत बुरा हुॅ, ना जाने कितनो के दिल से दूर हूॅ! सिखाया था जिंदगीने मुझे कुछ और, मगर क्या करू हालात से में मजबूर हूॅ! जाने केसे झुठ्ठी तसली से खुद को संभाले हुआ हूॅ, कुछ रिश्तो के क़ाबिलीत से अभी तक जिंदा हूॅ! ❤️ShabdYog❤️ 🤫🤫🤫 ©Yogesh More #Black Book #Books