ऊंचाई मेरी लिखावट की, बिटिया की निंदीया जैसी..... गहराई के शब्द ऐसे किसीकी दर्द की कहानी..... लिख दु शब्द सारे और कभी, ना कोई चुराये मन से..... पल भर मे ना कोई अपना हो सके..... आदत सी बिमारी हमारी कुछ भी लिख दे.... पहचान भी कमाई लिखावट की...... अंगार भर दिया आंखो मे, जान भर दि कलम मे.... खुशबु आये पंक्तियों की ,पढे़ मुस्कुराते.... बांदल भी मिले कभी रूलाकर गिरा देंगे...... ना माने तो भाग तो जाये..... हरि पेड़ की डाली मुस्काये चुपकेसे पलक झपके.... ठुकराये धुप दुर से ,शब्द भी ऐसे दुर से मिलने आये..... बिखरी किताबे पढने खुद बताये..... तेरे ही शब्द मैनै बिखर दिये..... जींदगी की रंगत मे पंक्तिया नई सुनिये..... बिखरे शब्द भी सजा दिये..... 👁️🤩👁️ My lighter words......☺️😊🫖🫖 #शब्दों_की_माला #yqquotes