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अपनी आंखो का असीर बना लो हमको आब -ए- तल्ख की तरह

अपनी आंखो का असीर बना लो हमको आब -ए-  तल्ख की तरह
बहुत खुशी होगी जब निकलेगें जाकिर
गिरियां एक फुंगा है तुम्से कुछ नवाजिशे बरसा दो हम्पे
हमे भी जस्तजु है आफताब की बहुत तारीक है राहों मे आखिर

शैलेश पण्डित #NojotoQuote aab e talkh
अपनी आंखो का असीर बना लो हमको आब -ए-  तल्ख की तरह
बहुत खुशी होगी जब निकलेगें जाकिर
गिरियां एक फुंगा है तुम्से कुछ नवाजिशे बरसा दो हम्पे
हमे भी जस्तजु है आफताब की बहुत तारीक है राहों मे आखिर

शैलेश पण्डित #NojotoQuote aab e talkh

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