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नफरत को तो हमने खूब पाला, खूब जपी हमने कड़वे वचनों

नफरत को तो हमने खूब पाला,
खूब जपी हमने कड़वे वचनों की माला।

किसी के आंसुओ के जिम्मेदार है हम,
ना जाने कितनी बार फटा,हमारे क्रोध का ये बम।

 सवत्सरी का पर्व हमें यही सिखाने आता है,
बैर भावो में जकड़े लोगो को क्षमा का पाठ पढ़ाता है।

जाने अंजाने हमने कितने दिल दुखाए है,आज क्षमा का मरहम लगाना है,
सवत्सरी पर्व का यही संदेश -हमे सबको अपनाना है ।😊
🙏🙏

-vidya jain shama poem

#prayer
नफरत को तो हमने खूब पाला,
खूब जपी हमने कड़वे वचनों की माला।

किसी के आंसुओ के जिम्मेदार है हम,
ना जाने कितनी बार फटा,हमारे क्रोध का ये बम।

 सवत्सरी का पर्व हमें यही सिखाने आता है,
बैर भावो में जकड़े लोगो को क्षमा का पाठ पढ़ाता है।

जाने अंजाने हमने कितने दिल दुखाए है,आज क्षमा का मरहम लगाना है,
सवत्सरी पर्व का यही संदेश -हमे सबको अपनाना है ।😊
🙏🙏

-vidya jain shama poem

#prayer
vidyajain1923

vidya jain

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