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सपनों से रीते आंखों में फिर और भला तुम क्या पाओगे

सपनों से रीते आंखों में फिर और भला तुम क्या पाओगे
शायद देर बहुत हो जाए लौट के तुम जब घर आओगे
सहमे से इस इंतजार को बोलो तुम लगे लगा पाओगे
बंजर सी इस खामोशी में अंकुर सरिस उगा पाओगे
पर बारिश के सपनों का घर नहीं वहां है कुछ भी बंजर
शायद फिर जी उठे देहरी मुस्काकर तुम दीप रखो गर
इस वियोग उदधि पर हंसकर बांध रहा पुल संवाद निरंतर
विह्ववल मन खोजेगा जिस क्षण शायद राह यहीं पाओगे
जगति की माया में यद्दीपित शाश्वत विलसित प्रेम दीप है
झिलमिल से दो नैना निशदिन शायद लौट कभी आओगे
 #toyou #abarbrishtiporchhe #shonardak #pujardhak #yqlove #yqfamily #yqabidings
सपनों से रीते आंखों में फिर और भला तुम क्या पाओगे
शायद देर बहुत हो जाए लौट के तुम जब घर आओगे
सहमे से इस इंतजार को बोलो तुम लगे लगा पाओगे
बंजर सी इस खामोशी में अंकुर सरिस उगा पाओगे
पर बारिश के सपनों का घर नहीं वहां है कुछ भी बंजर
शायद फिर जी उठे देहरी मुस्काकर तुम दीप रखो गर
इस वियोग उदधि पर हंसकर बांध रहा पुल संवाद निरंतर
विह्ववल मन खोजेगा जिस क्षण शायद राह यहीं पाओगे
जगति की माया में यद्दीपित शाश्वत विलसित प्रेम दीप है
झिलमिल से दो नैना निशदिन शायद लौट कभी आओगे
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