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होठों पर मुस्कान सजाए, मैं जब-जब उसे मिलता हूँ...

होठों पर मुस्कान सजाए,
मैं जब-जब उसे मिलता हूँ...
____ देख कर उसकी सूरत को, ।
एक भौरे सा खिल उठता हूँ...
जब भी अपनी तिरछी नज़रों से,
छुप-छुप कर वो मुझे देखती है...

मुझसे मिलने की खुशी मुझे,
उसके चेहरे पर दिखाई देती है...
उसके बिना बोले ही उसकी हर बात,
अब मुझे सुनाई देती है.....
उसके ही लिए है सब कुछ मेरा,
मैं तो उसके लिए ही सवरता हूँ...
होठों पर मुस्कान सजाएं,
मैं जब-जब उसे मिलता हूँ... sorry but this is not for you this time....
#Smiling #only
 #myself
होठों पर मुस्कान सजाए,
मैं जब-जब उसे मिलता हूँ...
____ देख कर उसकी सूरत को, ।
एक भौरे सा खिल उठता हूँ...
जब भी अपनी तिरछी नज़रों से,
छुप-छुप कर वो मुझे देखती है...

मुझसे मिलने की खुशी मुझे,
उसके चेहरे पर दिखाई देती है...
उसके बिना बोले ही उसकी हर बात,
अब मुझे सुनाई देती है.....
उसके ही लिए है सब कुछ मेरा,
मैं तो उसके लिए ही सवरता हूँ...
होठों पर मुस्कान सजाएं,
मैं जब-जब उसे मिलता हूँ... sorry but this is not for you this time....
#Smiling #only
 #myself