आज फिर उसकी यादों ने रुला दिया रास्ते पे चलते चलते गिरा दिया होश में रेहकर अब बेहोशी से चलने की आदत सी हो गयी है।। घर होकर भी बेघरों की तरह रास्ते पर रहना अब ख्वाइश सी हुई है।। "आज़ाद मन" dil💓 ki gahrai se 💑