White लगता है, चेहरे पढ़ने का शौक चर्राया हुआ है, चस्पा है लेकिन मनाही जिसकी है, वो बदी , क्यूं है पढ़ जाता भाग्य, वो कपाल ? कपोल- कल्पना बहे किसी नदी ! ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #चेहरे पढ़ते! आज शुभ विचार सुविचार इन हिंदी स्वामी विवेकानंद के विचार हिंदी छोटे सुविचार 'अच्छे विचार'