इस रोज की जिंदगी में थोड़ा और बदलाव लाना है जीवन को सरिता सा बहाना और फूलों से महकाना है छोड़ बैर-भावना को सबको अपने कुटुम्ब में मिलाना है जो बल्ब बिजली के बिना भी जले ऐसे समाज बनाना है सब हमारे हो हम सब के हो ऐसा बदलाव लाना है जीना सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि सबको अपना बनाना है #72Apnirah, "इस रोज की जिंदगी में थोड़ा और बदलाव लाना है" समय सीमा सुबह 8 बजे (8:00Am) 6 line collaboration. #our_way_of_motive #ourwayofmotive #YourQuoteAndMine