काव्य संग्रह __🌷हमारे अहसास 🌷 🌷 ओ मेरे सनम 🌷 ये हवा , ये घटा , ये रुत हसीं चुरा रही मन मेरा , खिला रही ये तन मेरा ये कली - सा बदन , लग रही है अगन ना सता ओ पिया , बन के घटा , बरस भी जा ओ सखी , ओ नदी , अरी लहर धड़क रहा दिल मेरा , थरथराता बदन मेरा कंपकंपा रहे अधर , ख्वाहिशें तर-बतर आ भी जा , आ भी जा, आ भी जा ओ हमसफर बढ़ रही है तपन , चुभ रही है पवन डस रही बूँदे , मेरा गोरा गोरा ये बदन फड़क रहा अंग - अंग , तड़प रहा मेरा मन आ भी जा आ भी ओ मेरे सनम ये , हवा ये, घटा ये ज़मीं, ये आसमाँ सता रहे हैं सभी ओ मेरे हमनवाँ आ भी जा आ भी जा , ओ सनम ओ मेरे सनम ०५/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' काव्य संग्रह __🌷हमारे अहसास 🌷 🌷 ओ मेरे सनम 🌷 ये हवा , ये घटा , ये रुत हसीं चुरा रही मन मेरा , खिला रही ये तन मेरा ये कली - सा बदन , लग रही है अगन ना सता ओ पिया , बन के घटा , बरस भी जा