🔶खुशियों की बरसात🔶 ज़िंदगी क़दम क़दम पर और दुश्वार होती जा रही है, अपनो से बिछड़ जाने के लिए तैयार होती जा रही है। न इश्क़ का सावन आया न खुशियों की बरसात हुई, साँसों के दरमियाँ देखों अब दीवार होती जा रही है। ख़ुश-रंग मौसम गुलज़ार समां अब कल की बात है, हर चौराहा हर गली अब गुनहगार होती जा रही है। ग़मो से तो ऐसा रिश्ता सा बनकर रह गया है 'अंजान', रुख़्सती देते देते मेरी रूह अब बीमार होती जा रही है। #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkख़ुशियोंकीबरसात #yqbaba #yourquotedidi #yqdidi